शंका
क्या करें कि छठे काल में जन्म ही ना लेना पड़े?
समाधान
इस दुखमा- सुखमा काल में यदि धर्म को धार लोगे तो दुःखमा-दुःखमा काल में देखना नहीं पड़ेगा। जब भी उत्पन्न होंगें ऐसी जगह उत्पन्न होंगें जहाँ धर्म का साक्षात प्रवर्तन हो और कल्याण का रास्ता हो।
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