शंका
णमोकार मन्त्र बोलते समय, हमारे मन में क्या विचार आने चाहिए?
समाधान
णमोकार मन्त्र बोलते समय मन में यही विचार आने चाहिए-
‘णमो अरिहंताणं’-सभी अरिहंतो को मेरा नमस्कार हो,
‘णमो सिद्धाणं’ – सभी सिद्धों को मेरा नमस्कार हो,
‘णमो आयरियाणं’- सभी आचार्यों को मेरा नमस्कार हो,
‘णमो उवज्झायाणं’ – सभी उपाध्यायों को मेरा नमस्कार हो,
‘णमो लोए सव्वसाहूणं’- लोक के सभी साधुओं को मेरा नमस्कार हो।
यह तो इसका अर्थ है। भाव यह होना चाहिए कि “मैं इस महामंत्र को पढ़ रहा हूँ जिस मंत्र में अमोघ शक्ति है, जो मुझे सब पापों से मुक्त कराने वाला है, जो मुझे सब दुखों से मुक्त कराने वाला है, जो मुझे अनन्त शक्ति प्रदान करने वाला है।” ऐसी श्रद्धा के साथ मन्त्र पढ़ोगे तो आपको अचिन्त्य फल मिलेगा।
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