शंका
यदि हम मन्दिर में पूजा-अभिषेक कर रहे हों और उसी समय मन्दिर में किसी साधु परमेष्ठि का आगमन हो तो हमें क्या करना चाहिए? क्या अपनी पूजा करते रहें या साधु को नमोस्तु करके उनके बैठने आदि की व्यवस्था करें?
समाधान
अपना पूजा-अभिषेक कर लेने के बाद उनके बैठने आदि की व्यवस्था करें। मुनि महाराज भी तो दर्शन करने के लिए आए हैं। बल्कि ये गड़बड़ होता है, आपके नमोस्तु के चक्कर में हम लोगों को दर्शन करना मुश्किल हो जाता है। साधु जब दर्शन कर रहे हो तो उन्हें दर्शन कर लेने दीजिए। जब वह दर्शन करके एक ओर आ जाएं तब आप उनकी वन्दना कीजिए।
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