शंका
ऑनलाइन प्रवचन बीच में छोड़कर उठना पड़े तो क्या करें?
समाधान
जो लोग दूर बैठे हैं, अगर प्रवचन सुनते-सुनते बीच में जाना पड़ता है, तो ऐसा करें कि प्रवचन का टाइम नोट करें, कायोत्सर्ग करें, क्षमा मांगकर अपना आवश्यक कार्य कर लें और दोबारा आकर के उस प्रवचन के शेष भाग को सुनकर के पूरा कर लें, यह एक समाधान है। बिना कायोत्सर्ग किये वहाँ से न उठें। यह सोचें कि ‘जिनवाणी, गुरु वाणी मुझे मिल रही है, मुझे छोड़ना पड़ रहा है यह मेरी मजबूरी है।’ पर क्षमा याचना के साथ आप ऐसा करेंगे तो आपके जीवन पर उस प्रवचन का पूरा प्रभाव पड़ेगा और वह आपके जीवन के बदलाव का आधार भी बनेगा।
दूसरी बात यदि कोई नियम लिया गया और वो टूट जाए तो उसके प्रायश्चित स्वरूप एक णमोकार मन्त्र की माला ज़रूर फेर लें ताकि आपके मन में नियमों के प्रति जागरूकता और दृढ़ता आए।
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