शंका
रोज मन्दिर में लगी हुई थाली से पूजन करती हूँ, भगवान की हर वेदी पर दर्शन करने के बाद भी डिब्बी में चावल बच जाते हैं, तो बचे हुए चावल का क्या करना उचित होगा?
समाधान
बचे हुए चावल को घर ले जाए, उसे साक्षत के रूप में अपने घर के छोटे बच्चों को, अपने से छोटे लोगों के शीश पर रखकर उसको साक्षत बोलते हुये आशीर्वाद दे- दीर्घायु भव:, चिरंजीव भव:, कुलवर्धक भव:, धर्मिनिष्ठ भव: का आशीर्वाद दे सकते हैं। मन्दिर की सामग्री का उपयोग करते हैं, तो जितने की सामग्री उपयोग करते हैं उससे कुछ ज़्यादा मन्दिर की गुल्लक में डालना चाहिये, हिसाब बराबर हो जाएगा।
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