इस संसार की सृष्टि भगवान ने की है और जीव हत्या में बहुत पाप लगता है, तो भगवान ने माँसाहारी जीवों की रचना क्यों की?
पहली बात तो ये सुधार लो कि भगवान ने सृष्टि की रचना की है। भगवान ने सृष्टि की रचना नहीं की है, सृष्टि अनादि से है इसे किसी ने रचा नहीं है। ये स्वतः रचित है ऐसा कोई भगवान नहीं जिसने सृष्टि को बनाया या सृष्टि को मिटाने वाला हो। ये अनादि से है और अनन्त काल तक रहेगी।
दूसरी बात है कि इस सृष्टि में माँसाहारी जीवों की रचना क्यों हुई! माँसाहारी क्यों हैं? ये सृष्टि का सन्तुलन है। इसको बोलते है eco balance! ये प्रकृति की एक व्यवस्था है, प्रकृति ने सारे चक्र को अपने तरीके से बनाया है और वो चल रहा है। प्रकृति के अनुरूप चलने में कोई तकलीफ नहीं है, जब प्रकृति के विरुद्ध जाते हैं तो विकृति आती है। इसलिए प्रकृति पर आश्रित रहने वाले लोग प्रकृति के हिसाब से चलें, विकृति के रास्ते को न चुनें।
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