शंका
तेरहवीं के समय विधान तेरहवीं के दिन करना चाहिए या बाद में?
समाधान
तेरहवीं के दिन बारह दिन का सूतक होता है; तेरहवें दिन विधान करके ही आपका सूतक नष्ट होता है। पात्रदान और देव पूजा से सूतक समाप्त होता है। इसलिए तेरहवीं के दिन ही विधान करना चाहिए।
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