शंका
सल्लेखना कब लेनी चाहिए?
समाधान
सल्लेखना तब ली जाती है जब हम जीवन के अन्तिम पड़ाव में पहुंच जायें। मार्या की युक्ति के अनुसार दुर्निवार उपसर्ग, प्राणलेवा, प्राकृतिक प्रकोप, भयानक बीमारी, वृद्धावस्था के कारण अत्यधिक शारीरिक शिथिलता- इन सब कारणों के आने पर ही सल्लेखना ली जाती है। इसमें पहले नियम सल्लेखना होती है और यम सल्लेखना आखिरी चरण में ली जाती है।
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