शंका
सूर्य विमान जब मेरू पर्वत की प्रदक्षिणा देता है तब क्या उस पर विराजमान प्रतिमाओं द्वारा भी प्रदक्षिणा दी जाती है?
समाधान
विमान जब गमन करेगा, तो विमान में जो कुछ है वह सब गमन करेंगे। लेकिन यह प्रदक्षिणा सूर्य की है न कि भगवान की, ऐसा मानकर चलना चाहिए।
जैसे कोई व्यक्ति गाड़ी में जा रहा है; उसमें भगवान विराजमान हैं; भगवान को विराजमान करके गाड़ी में जा रहा है या रथ पर विराजमान करके भगवान को ले जा रहे हैं, तो फेरी रथ की लग रही है या भगवान की? रथ पर बैठाकर हम लोग भगवान की फेरी लगाते हैं। इसी प्रकार सूर्य का विमान भगवान का रथ बन जाता है और समझ लो सूर्य विमान में विराजित या सारे ज्योतिष विमान में विराजित जिन बिम्बों की रथ यात्रा चल रही हो क्योंकि उनमें घोड़े आदिक जुते रहते हैं।
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