मायका या ससुराल-बेटी का असली घर कौन सा?

150 150 admin
शंका

माता पिता कहते हैं कि ‘बेटी पराये घर जाएगी’ और ससुराल में सास-ससुर कहते हैं कि ‘बेटी पराये घर से आई है’, तो बेटी का असली घर कौन सा है?

समाधान

बेटी में ही एक ऐसा गुण है, जो वो पराये घर को अपना असली घर बनाने का सामर्थ्य रखती है। बेटी में ही वो  सामर्थ्य है, जो अपना सब कुछ खो कर के नया सृजन करती है और सब को अपना बना लेती है।

उस बेटी को अपने ससुराल में ऐसी बातें सुनकर विचलित नहीं होना चाहिए, अपितु उसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए और अपने आचार-व्यवहार से सबका दिल इस तरह से जीत लेना चाहिए कि सबको बेटी अपनी लगने लगे और उस बेटी को भी वो घर अपना लगने लगे और सबको लगे यही उसका असली घर है। जो थोड़े दिन के बाद ऐसा हो ही जाता है दो-पाँच-दस साल के बाद फिर धीरे-धीरे इस बेटी का ससुराल से अटैचमेंट बढ़ जाता है, तो पीहर पराया घर लगने लगता है।

Share

Leave a Reply