दैनिक जीवन में महिलायें कौनसे व्रत करें?
महिलाओं के जिम्मे बहुत सारे काम हैं, सबसे पहले तो महिलाओं को कुलाचार का दृढ़ता से पालन करना चाहिए| कुलाचार समझते हैं? जैन कुल की मर्यादाओं को सुरक्षित रखना महिलाओं की जिम्मेदारी, जवाबदारी हैं, आपके घर में शुद्धि और पवित्रता बनी रहे, आपके चौके में कोई अपवित्र वस्तु न जाए महिलाएँ अपने घर में किसी भी प्रकार की अशुद्धि को प्रवेश न करने दे, मासिक के दिनों में जो अशुद्धियाँ होती है, उस अशुद्धि से परहेज करे, मैंने अपने इस कार्यक्रम में पहले भी एक दो बार इस बारे में बोला है कि यह महिलाओं की जवाबदेही होती है की वह पूर्ण शुद्धता का पालन रखते हुए कार्य करे तब कहीं जाकर के आगे बढ़ा जा सकता है, फिर देव पूजन करे, अतिथि सत्कार करे, अगर कोई साधु आए तो पात्र दान करने का सौभाग्य करे| समय मिले तो कम से कम 2 बार सामायिक का जरूर अभ्यास करे, एक बार प्रतिक्रमण कर ले उनका बेड़ा पार हैं| जिन पूजन, देव पूजन, सामायिक और आपके जाकर के प्रतिक्रमण और अतिथि सत्कार, यह मूलभूत चीजें हैं इसके बाद हर व्यक्ति अपनी अवसर और अनुकूलता के रूप कार्य कर सकते हैं|
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