शंका
हमें अपना गुरु किसे बनाना चाहिए?
समाधान
जो हमारे जीवन के मार्ग को साफ-सुथरा बना दे, जिसके सम्पर्क और संसर्ग से हमारा कल्याण हो सके, जो हमें आध्यात्मिक प्रेरणा दे सके वही सदगुरु बनाने के योग्य होता है। आचार्य समन्तभद्र महाराज जी के कथनानुसार-
विषयाशा वशातीतो निरारभोऽपरिग्रहः।
ज्ञान ध्यान तापेरक्तस्तपस्वी सः प्रशस्पते॥
जो विषय और उसकी आसक्ति, पाँच इन्द्रियों के विषय यानि भोग-विलास से दूर हो, जो घर- गहस्थी के कार्यो से मुक्त हो और परिग्रह से रहित हो। ज्ञान, ध्यान और तप में लीन रहने वाले हैं वे ही सच्चे तपस्वी के रूप में गिने जाते हैं। उन्हें ही गुरु बनाना चाहिए।
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