शंका
हम क्यों जी रहे है, हम क्यों जीना चाहते हैं, हमें क्यों जीना चाहिए?
समाधान
इन तीनों प्रश्नों के उत्तर जब तक दूसरों से पूछोगे, पूछते रह जाओगे। इन प्रश्नों के उत्तर को खोजना नहीं, अपने भीतर खोदना है। अपने मन से सवाल पूछो, मैं क्यों जी रहा हूँ?, किसके लिए जी रहा हूँ?और किस वजह से जी रहा हूँ? जिस पल अपने अन्दर इस प्रश्न का समाधान खोज लोगे, उसी पल तुम्हें यथार्थ का बोध होगा और जीवन की दिशा और दशा परिवर्तित हो जाएगी।
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