राजा पहुपाल ने अपनी दोनों बेटियों को दो अलग-अलग गुरुओं के पास क्यों भेजा?
राजा पहुपाल को अपनी दोनों बेटियों की रुचि, भावना और योग्यता का आभास था। आज भी एक पिता अपनी अनेक सन्तानों को अलग-अलग माध्यमों में अलग-अलग विषयों को पढ़ाता है। कोई पिता अपने बच्चे को इंजीनियर बनाता है, कोई पिता अपने बच्चों को मेडिकल लाइन में भेजता है और कोई है जो एम. बी. ए. के लिए भेज देता है। ये बच्चों की रुचि, योग्यता एवं प्रवृति के अनुरूप होता है।
मैना सुंदरी एक आध्यात्मप्रधान कन्या थी, राजा पहुपाल ने उसकी अभिरुचि के अनुसार गुरु चुना होगा। सुरसुंदरी की रुचि भिन्न प्रकार की थी। जिसकी जैसी रुचि उसको उसी अनुरूप शिक्षा दिलाना चाहिए ये हमारी संस्कृति है। मैं इस माध्यम से आप सब से भी कहता हूँ बच्चों की रुचि को ध्यान में रखकर के ही उन्हें अध्ययन करायें। उनकी रुचि के विरुद्ध पढ़ाई कराने से कई बार बच्चों के ऊपर विपरीत प्रभाव भी देखा जाता है।
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