शंका
मैं जब भी छहढाला की पहली ढाल पढ़ती हूं तो मुझे बहुत डर लगता है और मुझे रोना आता है तो इससे कैसे बचें?
समाधान
छहढाला पढ़ती हो, पहला ढाल पढ़ने पर रोना आता है। क्यों रोना आता है कि हम संसार के दुख को कैसे खत्म करें, यही भाव आता है ना? हां, तो बस यह रोना अच्छी बात है, बुरी बात नहीं है। इसको अपने अंदर स्थाई रूप से बसाओ और यह सोचो कि बड़ी होने के बाद मैं आर्यिका बनूंगी, तपस्या करूंगी और संसार के दुखों का हमेशा-हमेशा के लिए अंत करूंगी।
Leave a Reply