शंका
स्थापना दो प्रकार की होती है- तदाकार स्थापना और अतदाकार स्थापना। जब भगवान जी मन्दिर जी में तदाकार स्थापना में विराजमान हैं, तो हम पुष्पों का प्रयोग अतदाकार स्थापना में क्यों करते हैं?
हर्षवर्धन जैन
समाधान
यह अवधारणा ही गलत है कि हम लोग पुष्पों से भगवान की स्थापना करते हैं। यदि आप पुष्पों से भगवान की स्थापना करते हैं, तो यह गलत है। पुष्पों से स्थापना नहीं करते, स्थापना ह्रदय में करते हैं। पुष्पों को प्रतीक स्वरूप क्षेपण करते हैं।
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