शंका
किन्हीं-किन्हीं मुनि महाराज के आगे ‘राष्ट्र’ शब्द लगाते हैं, ऐसा क्यों?
समाधान
मुनि महाराज तो त्रिलोक पूज्य हैं। तीन लोक में जिसकी पूजा-अर्चा हो वे मुनि होते हैं। वे मुनि पंच परमेष्ठी की आराधना अपनी-अपनी भूमिका के अनुसार करते हैं। अब उन मुनि महाराज के आगे ‘राष्ट्र’ लगाना उनका demotion (पदावनत) हो जाना है। जिनको लगता है या लगाते हैं, वो जाने। राष्ट्रीय क्यों? जिनकी वन्दना स्वर्ग, नरक, अधोलोक, ऊर्ध्व लोक, मध्य लोक सब लोक के जीव करते हों, उनके लिए राष्ट्र का विशेषण लगाना समझ से परे है।
Leave a Reply