शंका
हम मन्दिर में जाते हैं तो “ॐ जय जय जय निःसहि निःसहि निःसहि” क्यों बोलते हैं?
संयम, कोटा, राजस्थान
समाधान
ॐ तो पंच परमेष्ठी का प्रतीक है। ‘जय जय जय’ से अभिप्राय है भगवान की जय से है। ‘निःसहि निःसहि निःसहि’ इसलिए बोलते हैं जिससे मेरे मन के, वचनों के, और मेरे शरीर की नकारात्मकता, नकारात्मक विचार आदि दूर हो जाएं।
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