शंका
विभाव भाव अति शीघ्र फलीभूत होते हैं, स्वभाव भाव पाने में समय क्यों लग जाता है?
समाधान
चन्दन के पेड़ को उगाने में वर्षों लगते हैं और बेशरम के पौधे को उगाने के लिए कोई मेहनत नहीं करनी होती है।
ध्यान दो! चन्दन के पेड़ को उगाने में वर्षों मेहनत करनी पड़ती है तब भी सफलता संदिग्ध है; लेकिन बेशरम के पेड़ के लिए कुछ भी नहीं करना पड़ता, जहाँ डाल दो उग आता है। इसलिए उसका नाम है बेशरम। अच्छाइयों के आरोपण के लिए बहुत बहुत प्रयत्न करने होते है। बुराइयाँ तो संस्कारवश स्वतः प्रकट होती है। विभाव बुराई है, जो अनादि के संस्कार और चेतना से जुड़ी है, लेकिन स्वभाव अच्छाई है। उसको हम जगा सकते है, अपने संस्कारों की बदौलत। उसके लिए बार-बार अभ्यास करना पड़ेगा। वह चंदन का पेड़ है। उगाने के लिए सार्थक प्रयास की आवश्यकता है।
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