शंका
जब हम णमोकार मंत्र पढ़ते हैं तो उसमें सबसे प्रथम आता है- णमो अरिहंताणं और दूसरे नंबर पर आता है- णमो सिद्धाणं। अरिहंतो के तो 4 कर्म ही नष्ट हुए है। लेकिन सिद्धों के तो 8 कर्म नष्ट हुए हैं तो फिर उन्हें प्रथम स्थान क्यों नहीं?
समाधान
हम लोग एक दोहा पढ़ते है-
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
तो गोविंद से भी ज्यादा महत्व गुरु का होता है। अरिहंत नहीं होते तो हमको सिद्धों का पता कैसे चलता है इसलिए णमो अरिहंताणं पहले बोलते है।
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