शंका
पुरुष नियम क्यों नहीं लेते हैं? व्रत रख लेते हैं, उपवास रख लेते हैं, पर्यूषण पर्व में रात्रि भोजन भी नहीं करते हैं, परन्तु वह नियम नहीं लेना चाहते हैं, ऐसा क्यों?
समाधान
ऐसा इसलिए कि पुरुष लोगों का दिमाग ज्य़ादा चलता है, भावनाएँ कम। महिलायें यह सब बहुत अच्छे से कर लेती हैं, उनकी भावनाएँ बहुत तेजी से चलती हैं। वे लोग जो बिना नियम के धर्म करते हैं उनसे एक ही सवाल पूछन चाहिए कि “बैंक बिना FD पैसे पर कितना ब्याज देती है और FD कराने पर कितना ब्याज देती है?” इसलिए सभी को धर्म नियमपूर्वक ही करना चाहिए।
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