जैनियों, तीर्थक्षेत्रों और जैन शास्त्रों पर सदैव संकट क्यों आते रहे हैं?

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शंका

जैनियों, तीर्थक्षेत्रों और जैन शास्त्रों पर सदैव संकट क्यों आते रहे हैं?

समाधान

कहते हैं कि संकट उसी पर आते हैं जो महान होता है, कसौटी पर सदैव सोने को कसा जाता है, लोहे को नहीं! इसलिए संकट आने पर घबराएं नहीं।

जैन धर्म एक महान धर्म है इसलिए उस पर संकट आते रहते हैं। संकट आने से हमें घबराना नहीं है। हम पर समय-समय पर अनेक संकट आए, फिर भी हमारी संस्कृति की विशेषता रही है कि हमने बड़े से बड़े संकट को भी बहुत आसानी से सहा है, उसका सामना किया है। जब भी ऐसे संकट आए हैं, हम सामना करते हैं, आगे भी करेंगे और सफल होंगे, इसमें कोई संशय की बात नहीं है। 

अब बात रही कि ऐसे संकट आते क्यों हैं? तो स्वभाव भी हो सकता है और कहीं-कहीं यह हमारी जागरूकता के अभाव के कारण पनपता है। समाज में जागरूकता आ रही है और मुझे नहीं लगता कि यह संकट के बादल अब ज्यादा दिन तक टिक पायेंगे।

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