शंका
मैंने देखा कि विहार के दौरान कई जगह बहुत सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी आते हैं, आप ईर्या समिति के कारण उन प्राकृतिक दृश्यों की तरफ ध्यान नहीं देते। लेकिन जब आप खड़े होते हैं, तब भी आप इन प्राकृतिक दृश्यों बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होते। ऐसा क्यों?
समाधान
हम देखते हैं पर देख कर रह जाते हैं, प्रभावित नहीं होते। देखना अलग है और दृश्य से प्रभावित होना अलग बात है। आँखों के सामने जो दिखेगा, सो दिखेगा ही।
आज आहार चल रहा था, तो एक भाई ने कहा “महाराज जी! देखो सामने कितना बढ़िया सीन है, पूरे पर्वत दिख रहे हैं सामने।” सीन तो है, पर यदि मुझे वो सीन देखेंगे तो मेरा सीन बदल जाएगा, मुझे तो अपनी अंजुलि देखना है। मुझे अपने सीन का ख्याल होता है, इसलिए बाकि बातें संभल जाती हैं।
Leave a Reply