शंका
पुण्य कमाने का समय कम है और पाप कमाने का समय बहुत है, ऐसा क्यों?
समाधान
ये मनुष्य के संस्कार की बात है। मनुष्य की रुचि ही कुछ ऐसी है कि बुरे कार्य के लिए वह पहले से तैयार हो जाता है और अच्छे कार्य के लिए उसे तैयार करना पड़ता है। इसलिए जब तक हम अपनी रूचि को परिवर्तित नहीं करेंगे, तब तक जीवन की धारा परिवर्तित नहीं होगी।
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