शंका
कोई व्यक्ति सावधानीपूर्वक परोपकार के साथ अच्छे से अच्छा कार्य करता है लेकिन फिर भी उसको यश नहीं मिलता है? इसका क्या कारण है?
समाधान
भगवती आराधना में एक प्रसंग आता है कि जो जीव पूर्वजन्म में अपने वचनों का दुरुपयोग करता है, दूसरों का आदर सत्कार न कर उनकी अवज्ञा, अवमानना, ताड़ना और अनादर करता है वह जीव भावांतर में ऐसा योग पाता है कि अच्छा करने के बाद भी उसे यश नहीं मिलता। इसलिए यदि आपके साथ या किसी के साथ ऐसी स्थिति बन रही है, तो मन में हीन भावना न लाएँँ। यह सोचे कि मेरा पिछला रिकॉर्ड खराब है तो इस बार तो अपना रिकॉर्ड और अच्छा करना है। और अच्छा करो, जश मिले या न मिले, हमें अपनी करनी में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
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