यदि पुनर्जन्म होता है, तो मुझे पुराने जन्म की बातें क्यों याद नहीं आती है?
आज तो कंप्यूटर युग है किसी कंप्यूटर का हार्डवेयर खराब हो जाए तो क्या उसका डाटा आपके स्क्रीन पर आएगा? सब टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए लोग हैं, डाटा तो उसमें है, हार्डवेयर ही नहीं है, तो काम में नहीं आएगा। ऐसे ही किसी के सॉफ्टवेयर में वायरस लग जाए, फाइल करप्ट हो जाती आप लोगों की, आप लोग बोलते हैं ऐसा। यह हमारा हार्डवेयर है, इस हार्डवेयर के साथ जो भी संस्कार है, इसी के साथ काम करेंगे। हर सॉफ्टवेयर के लिए हार्डवेयर के साथ भी कुछ तालमेल होता है ऐसा नहीं होता कि ये सॉफ्टवेयर सब हार्डवेयर में लग जाए। हमारा मानव शरीर है, वर्तमान शरीर का जो कुछ भी है इस सिस्टम के साथ जुड़ा हुआ है। शरीर हार्डवेयर है हमारी चेतना सॉफ्टवेयर है जब हमारा प्राणांत होगा, हार्डवेयर स्वाहा हो गया, अब जब हम नया जन्म लेंगे तो यह हार्डवेयर नहीं होगा, तो इसके साथ का जो डाटा है वह यहीं खत्म हो जाता है, वहाँ काम में नहीं आता। यह सिस्टम है।
लेकिन कभी-कभी किसी-किसी जीव के साथ ऐसा होता है कि पूर्व जन्मों की स्मृति आ जाती है, तो यह हमारे संस्कारों के जागरण के प्रतिफल स्वरूप होते हैं। हमें याद नहीं है इसका मतलब यह नहीं कि वह है नहीं, याद नहीं है हमारी कमजोरी है। हमने फाइल फीड की थी अब सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर खराब हो गया, अब वह फाइल नहीं आ रही लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि वह कुछ थी नहीं, थी.. वह करप्ट हो गई। ऐसे ही हमारे पुराने संस्कार थे वह विनष्ट हो गए। अतीत के जन्मों की बात तो जाने दीजिए, इस जीवन की पूरी बातें आपको याद है? जन्म से लेकर अब तक की, तो फिर? जो बातें याद नहीं है क्या वह हमारा जीवन का पार्ट ही नहीं रहा? आपको अपने जन्म की घटना याद है? एक ही व्यक्ति इस सभा में हो जो कहे कि ‘मैं माँ के पेट से निकला था तो उस समय मेरी आँखों ने सबसे पहले किसको देखा था’- याद है? इसलिए जो याद है वही सच है ऐसा नहीं। जो सच है उसको याद करने की कोशिश करो, जीवन में कभी प्रश्न नहीं आएगा।
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