शंका
जब रोड से जिनबिम्ब के दर्शन हों तो क्या जूते पहने अविनय होगी?
समाधान
जब भगवान दिख जाएँ तो जूते मत देखो, भगवान को देखो! अपने आप झुक जाओगे। भगवान दिख रहे है और आप जूते देख रहे हो, इतना समय कहाँ है? यह बुद्धि लगाओ ही नहीं, कि पहले जूते उतारो फिर भगवान को नमन करो। भगवान दिख रहे हैं तो बस मुझे भगवान दिख रहे हैं, जूते बाद में दिखेंगे। इसलिए पहले सिर झुका लो।
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