परिवारों को टूटने से कैसें बचाएं ?
एक ज़माना था जब परिवार में कितने ही लोग होते थे और परिवार हँसता खेलता था और एक दूसरे से एक एकदम जुड़ा रहता था. पैसे कम होते थे पर उसमे भी बहुत बरकत होती थी. घर में कोई ख़ुशी की बात होती थी तो बाहर वालों को बुलाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती थी. आज परिवार कितने छोटे हो गए हैं और टूटते जा रहे हैं, हमारे रिश्ते बिखरते जा रहे हैं- मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता रहे हैं परिवारों को टूटने से कैसें बचायें
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