शंका
तीर्थंकर भगवान मुनि अवस्था में आहार लेने जब निकलते हैं तब उस समय उनके पास कमंडल पिच्छी रहती है क्या? उसके बाद तीर्थंकरों के एक आहार से ज्यादा आहार का कहीं उल्लेख है क्या?
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समाधान
तीर्थंकर भगवान अपने पास पिच्छी कमंडल कभी नहीं रखते। पहली बात, पिच्छी कमंडल हम सब मुनियों के लिए है। तीर्थंकरों को सारी ऋद्धियाँ होती हैं इसलिए पिच्छी कमंडल नहीं। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में उनको पिच्छी कमंडल केवल इसलिए दिया जाता है ताकि मार्ग का सबको बोध हो।
दूसरी बात कि तीर्थंकर एक आहार से अधिक लेते हैं क्या?
हाँ, कोई भी तीर्थंकर ६ माह से अधिक का उपवास एक साथ नहीं लेते। वह वर्धमान चारित्र के धनी होते हैं। पहले उपवास की तुलना में दूसरा, दूसरे उपवास की तुलना में तीसरा अधिक दिनों का करते हैं। पहली बार एक उपवास करेंगे, तो दूसरी बार दो करेंगे फिर चार करेंगे ऐसा उनका गुणीत क्रम से चलता रहता हैं। १५ दिन का उपवास किया तो दोबारा करेंगे तो 15 दिन से कम का नहीं करेंगे, १ महीना का कर लेंगे। १ महीने के लिए कर लिए तो अब २ महीने का हो जाएगा, लेकिन २९ दिन का नहीं होगा।
Edited by: Pramanik Samooh
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