क्या पापी को रक्तदान देने से हमें पाप का बंध होता है?

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शंका

हम लोग मुम्बई में blood donation camp organize (रक्तदान शिविर का आयोजन) करते हैं। कुछ जैन बन्धु ये कहकर मना कर देते हैं, कि ‘रक्त दान करने से कि यदि हमारा रक्त ऐसे इंसान को गया, जो गलत काम कर रहा हो तो उसका पाप हमको लगेगा।’ तो ये कहाँ तक ठीक है?

समाधान

ये सब चीजों अव्यवहारिक हैं और हमें इन सब बातों में नहीं पड़ना चाहिए। 

मैं आपसे एक सवाल पूछता हूँ कि आप जैसे धर्मी लोगों को कभी रक्त की ज़रूरत पड़े और आप हॉस्पिटलाइज़्ड हैं, मेजर ऑपरेशन हुआ है, सीरियस केस है और उस समय आपको रक्त चाहिए, तो उस समय क्या आप रक्त की जाति देखते हो? केवल रक्त ग्रुप देखते हो! जब आपको जरूरत है तब आप इन सब चीजों का विचार नहीं करते हैं कि ये शाकाहारी या माँसाहारी था, अच्छा या बुरा था तो आप देते समय ये क्यों सोचते हो? जिस रक्त बैंक से मैंने लिया उस रक्त बैंक को मैं रक्त दे रहा हूँ, एक मरणासन्न व्यक्ति के जीवन के लिए दे रहा हूँ। एक जरूरतमन्द व्यक्ति के लिए दे रहा हूँ। हम उसको चोरी करने के लिए नहीं दे रहे हैं, हम उसको हिंसा करने के लिए नहीं दे रहे हैं। हम तो उसके प्राण रक्षा के लिए दे रहे हैं। पॉजीटिव सोचो कि तुम्हारा रक्त इतना पावरफुल हो कि उस रक्त के संस्कार के प्रभाव से उस व्यक्ति का संस्कार परिवर्तित हो जाये। और एक हिंसक भी अहिंसक हो जाए। 

इसलिए इस तरह की बातों को मैं अव्यवहारिक मानता हूँ और ये जैन धर्म के अनुकूल नहीं है। धर्म की दृष्टि से ऐसा करना कतई उचित नहीं है।

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