विद्यार्थी जीवन में पढाई ज़रूरी या धर्म?

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शंका

विद्यार्थी जीवन में पढाई ज़रूरी या धर्म?

समाधान

विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई ही तुम्हारा धर्म है। तो पढ़ाई को धर्म मानकर के पढ़ो| बस,अधर्म मत करो | अगर विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी अधर्म करेंगे तो पढ़ भी नहीं पाएंगे| अच्छी पढ़ाई वही बच्चे कर सकते हैं जो अच्छे संस्कारों के साथ जीते हैं, अच्छा आचरण करते हैं, वे अच्छी पढ़ाई कर पाते हैं। इसलिए मन लगाकर के पढ़ो और अपनी पढ़ाई में कोई ढिलाई मत करो,कोई गलत आदत मत रखो, कोई गलत संगति मत करो,किसी भी प्रकार की खोटी प्रवृत्ति मत करो,उल्टी-सीधी खाने-पीने की प्रवृत्तियों से बचो और माता पिता की आज्ञा का अनुपालन करो और अगर हो सके तो एक बार देव दर्शन करो और साल में दो-चार बार मुनियों का समागम करके अपनी बैटरी चार्ज कर लो; तुम लोगों का इतना ही धर्म है|

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