सम्यग्दर्शन कैसे प्राप्त करते हैं?

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शंका

क्या हम सम्यक् दर्शन हासिल कर सकते हैं?

समाधान

सबको सम्यक् दर्शन प्राप्त हो इसीलिए “गुणायतन” बनाया जा रहा है। 

सम्यक् दर्शन का मतलब है-सही दृष्टि। आज तक हमारी दृष्टि मित्थ्या बनी रही। संसार के बहुतेरे प्राणियों की झूठी और थोथली बातों पर हमारा विश्वास रहा। जीवन की वास्तविकता को समझने का हमने कभी प्रयास ही नहीं किया। मैं तो इतना ही आप सभी से कहना चाहूँगा कि शास्त्र को पढ़ने वाला हर व्यक्ति सम्यक् दृष्टि हो या न हो पर शास्त्रों के आधार पर तैयार होने वाले गुणायतन में आने वाला हर व्यक्ति सम्यक्त्व के रास्ते पर चलने में समर्थ जरूर हो जाएगा। कदाचित उसके भीतर उसके कर्मयोग से सम्यक् दर्शन प्रकट न भी हो तो मैं इस बात की गारंटी लेता हूँ कि एक बार वो भी सोचने को बाध्य जरूर होगा कि मैं कहाँ हूँ? और मुझे कहाँ होना चाहिए? इसलिए ये मानकर चलिए कि पाँचवें गुणस्थान तक तो आप कपड़े में आ सकते हैं। उससे ऊपर आना चाहें तो थोड़ा आगे बढ़ना पड़ेगा। हम सम्यक् दर्शन हासिल कर सकते हैं। 

तुम्हारे-हमारे सबके भीतर मुक्ति हासिल करने की योग्यता है, सम्यक् दर्शन तो छोटी चीज है, बस उसके लिए प्रयास करने की जरूरत है।

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