गुणायतन का अर्थ एवं उसका महत्त्व

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शंका

गुणायतन का अर्थ एवं उसका महत्त्व

समाधान

गुणों का आयतन- आयतन यानी ऐसा धर्म क्षेत्र जहांँ आने से आपके गुणों का विकास होता है। विकास करना चाहते हो? अपने अन्दर अच्छे गुण बनाना चाहते हो, अपने गुणों को ऊँचा उठाना चाहते हो, तो वह सब चीजें गुणायतन में दिखेंगी। 

गुणायतन एक ऐसा मन्दिर बन रहा है, मन्दिर के साथ एक ऐसा ज्ञान मन्दिर बन रहा है, जिसके माध्यम से आत्मा से परमात्मा तक की सम्पूर्ण जीवन यात्रा की जीवन्त झाँकी बनाई जायेगी। जिसमें देखेंगे कि  मिथ्या दृष्टि व सम्यक दृष्टि धर्म का प्रभाव क्या होता है, एक श्रावक क्या होता है, मुनिराज क्या होते हैं, क्या होता है ध्यान, कैसे होती है कर्मों की निर्जरा, क्या होता है केवल ज्ञान, कैसा होता है भगवान का समवसरण, कैसे खिरती है उनकी दिव्य ध्वनी,  कैसा हाेता है भगवान का विहार, कैसा होता है उनका मोक्ष गमन, यह सब चीजें अपनी आँखों से देखोगे और देख करके ऐसी जो एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से आज दिखाई जायेगी। रोबोट्रिक्स, एनिमेट्रॉनिक, एनीमेशन, लेजर, साउंड इफैक्ट्स आदि जितनी भी आज की एडवांस टेक्नोलॉजी है, उसका इस्तेमाल किया जायेगा और लोगों को वह सब कुछ साक्षात जैसा महसूस होगा और ऐसा लगेगा कि मेरे सामने-सामने भगवान विराजमान हैं, भगवान मेरे सामने से विहार कर रहे हैं और जब तुम लोग यहाँ आओगे तुम्हारी खूब भाव-विशुद्धि बढ़ेगी और धर्म की सच्ची श्रद्धा जग जाने से तुम्हारे गुणों का विकास होगा। इसलिए इसका नाम गुणायतन, जो गुणों  का आयतन, गुणात्मक विकास करने वाला आयतन।

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