उत्तम संयम धर्म

इस पेज पर आपको प्राप्त होंगे मुनि श्री प्रमाण सागर जी के उत्तम संयम धर्म पर आधारित
उत्तम प्रवचन, उत्तम Quotes, उत्तम लेख
उत्तम क्लिप्स और बच्चों के लिए उत्तम स्टोरी

इस संसार में संयम धर्म दुर्लभ है, जो प्राप्त कर उसे छोड़ देता है वह मूढ़मति है, वह जरा और मरण के समूह से व्याप्त इस संसाररूपी वन में परिभ्रमण करता रहता है, पुन: वह सुगति को कैसे प्राप्त कर सकता है? पाँचों इन्द्रियों के दमन करने से संयम होता है, कषायों का निग्रह करने से संयम होता है, दुर्धर तप के धारण करने से संयम होता है और रस परित्याग के विचार भावों से संयम होता है। उपवासों के बढ़ाने से संयम होता है, मन के प्रसार को रोकने से संयम होता है, बहुत प्रकार के कायक्लेश तप से संयम होता है और परिग्रहरूपी पिशाच के छोड़ने से संयम होता है।

उत्तम प्रवचन

उत्तम संयम धर्म - इन्द्रियों को वश में करो
उत्तम संयम | मंगल प्रवचन | मुनि प्रमाणसागर जी

उत्तम सूक्तियाँ

  • मनुष्य जब जागरुक होता है, तब उसके जीवन में संयम आता है और जहाँ उसकी जागरुकता खत्म हो जाती है, उसके जीवन में असंयम आ जाता है।

उत्तम कहानियाँ

उत्तम संयम धर्म कहानी | Uttam Sanyam Dharm story | Daslakshan Series | Jain Animated Stories kids

Uttam Sanyam Dharm Story | Daslakshan Dharm | Jain Stories In English

उत्तम लेख