शंका
प्रतिक्रमण में रस-गारव, रिद्धि-गारव और सात-गारव आते हैं। यह गारव क्या होता है?
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समाधान
गारव का मतलब होता है अभिमान! पुराने ज़माने में विभिन्न प्रकार के रसायनों की सिद्धि होती थी और किसी को रसायन सिद्ध हो गया, जिससे वे सोना अधिक बनाने में समर्थ हो गए तो उसका उन्हें अभिमान हो जाता है। तो रसायन सिद्धि होने के उपरान्त उसका अभिमान है, तो रस-गारव। किसी को प्राप्त रिद्धि का अभिमान होना, रिद्धि-गारव है। और जिनके बड़े ठाठ- बाठ हैं, राजा-महाराजा जिनके आगे पीछे किंकर की तरह घूमते हैं, उसका अभिमान होना सात-गारव है। इन तीनों प्रकार के गारव यानी अभिमान से साधक को बचना चाहिए।
Edited by: Pramanik Samooh
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