पृथ्वी के किस स्वरूप को मानें – जैन धर्म या भूगोल के?

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शंका

पृथ्वी के किस स्वरूप को मानें – जैन धर्म या भूगोल के?

समाधान

यह जो स्कूल में बताया जाता वह भी बिल्कुल सही है और हम लोगों की पाठशाला में जो पढ़ाया जाता है, वह भी सही है। क्योंकि हम लोग पाठशाला में जो पढ़ते हैं, वह शाश्वत पृथ्वी की बात पढ़ते हैं, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं होता और हम लोग जहाँ रह रहे है इस पृथ्वी में परिवर्तन होता है, यह अशाश्वत धरती है। इसमें काल के प्रभाव से वृद्धि-ह्रास होता है, तो वह मूल धरती जिसके बारे में हम लोग पढ़ते हैं उसका वर्णन जिन शास्त्रों में है वे लुप्त हो गए हैं। वर्तमान में जिस धरती में हम रह रहे हैं, उसके बारे में जो शास्त्र हैं वह आज हमारे पास नहीं हैं और जो शास्त्रों में लिखा है वह धरती का रुप नहीं है, इसलिए इस कोई controversy (विवाद) में कोई नहीं पड़े।

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