पारस नाथ टोंक के प्राचीन चरण कौन से हैं?

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शंका

पारस नाथ टोंक के प्राचीन चरण कौन से हैं?

समाधान

पारसनाथ टोंक पर नीचे और ऊपर दोनों जगह चरण हैं। मैं यहाँ इस सभा में पूछना चाहता हूँ, यहाँ जो लोग वन्दना कर चुके हैं या जो वन्दना करेंगे, एक केवल सर्वे की दृष्टि से मैं पूछना चाहता हूँ कि आप लोगों की दृष्टि में भगवान पारसनाथ के चरण नीचे हैं या ऊपर हैं। लगभग ५ प्रतिशत लोग अभी भी मानते हैं कि नीचे हैं। आज से इस भ्रांति को निकाल दीजिए। आप सुनें और एक-एक व्यक्ति जो शिखर जी आता हो, उसे बताएँ। भगवान पारसनाथ की निर्वाण स्थली टोंक पर है और स्वर्णभक्त टोंक जो है वह ऊपर है न कि नीचे है। जिस गुफा को लोग स्वर्णभक्त टोंक बता देते हैं वह गुफा actual (वास्तविक) में गुफा ही नहीं है। वो तो मन्दिर के नीचे के भाग को गुफा का आकार दिया गया है। आप देखें ऊपर वो चट्टान नहीं है।वो तो छत के नीचे का हिस्सा है और आज से ५०-५५ साल पहले वहाँ तो दरबान सोते थे और वहाँ चाय बनती थी, कोई चरण भी नहीं थे। वो जो चरण वहाँ रखे गये हैं वो प्राचीन चरण हैं लेकिन ऊपर की टोंक के १०० वर्ष बाद के हैं। आप दोनों टोंको की प्रशस्तियों को पढ़ियेगा। ऊपर के चरण सम्वत् १७४९ के हैं और नीचे की टोंक के चरण १८४९ कुछ सम्वत् के हैं। 

एक और अन्तर है ऊपर के टोंक के जो चरण हैं वो दिगम्बर हैं उनमें नाखून का आकार नहीं है और नीचे की टोंक के जो चरण हैं उनमें नाखून का चिह्न है। इसलिए वो दिगम्बर नहीं है क्योंकि दिगम्बर ऐसे ही चरण चिह्नों को पूजते हैं। हमारे चरण ऐसे होते हैं। सारी टोकों को चरण आपको ऐसे मिलेंगे। पारसनाथ भगवान के मूल चरण ऊपर है न कि नीचे! मैंने दोनों जगह कई रात्रियों में साधना की है। मैं जब-जब पहले जाता रात्रि में अगर वहाँ रूकता हूँ तो कभी सोया नहीं रात में। वहाँ रातभर साधना की। ऊपर भी की और गुफा में भी की। ऊपर की ऊर्जा और नीचे गुफा की ऊर्जा में जमीन-आसमान का फर्क मैंने देखा। जो एनर्जी ऊपर है वो एनर्जी नीचे नहीं है। आप दोनों तरफ जाइए वन्दना करने में मेरी तरफ से निषेध नहीं है बुराई भी नहीं है। लेकिन भगवान की निर्वाण स्थली के प्रति किसी भी तरह की भ्रांति मत रखिए।

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