शंका
वियोग से दुःख तो सुना था, पर आज प्रवचन में सुना कि संयोग मात्र दुःख का कारण है; ऐसा क्यों?
समाधान
संयोग मात्र दुःख का कारण इसलिए है कि संयोग की ओट में वियोग छुपा है। जब संयोग होता है, तो अच्छा लगता है और जब वियोग होता है, तो बुरा लगता है और जिसके साथ संयोग होता है उसके साथ हमारे अन्दर इष्ट-अनिष्ट संकल्प-विकल्प होते रहते हैं और वही इष्ट-अनिष्ट संकल्प-विकल्प हमें दुःखी बनाते हैं।
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